“वाजश्रवा के बहाने” कवि कुंवर नारायण की अति प्रसिद्ध आख्यायिका है। आक्सफाम के एक सर्वे के अनुसार विश्व की आधी संपत्ति पर केवल एक प्रतिशत लोगों का कब्जा है। प्रोफेसर थामस पिकेटी के अनुसार अमेरिका, जापान, जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन में आर्थिक विषमता तेजी से बढ़ रही है। भारत में भी स्थिति कमोबेश वैसी ही है। कुंवर नारायण की पंक्तियों को जब मैं ने इस संदर्भ में उपयुक्त पाया तो इसे आपके समक्ष प्रस्तुत करने से खुद को रोक नहीं पाई
तुम्हें खोकर मैं ने जाना
हमें क्या चाहिए -कितना चाहिए
क्यों चाहिए, संपूर्ण पृथ्वी
जबकि उसका एक कोना बहुत है
देह बराबर जीवन जीने के लिए
और पूरा आकाश खाली पड़ा है
एक छोटे-से अहं को भरने के लिए।
धन्यवाद ।
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