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१.
“ ख्वाहिशें आजमाइश करती हैं हमारे इरादों की ।
बुलंदियां मिलती है हौसलों की उड़ानों से।
रब भी मेहरबान उन्हीं पर अक्सर ;
जिनकी कोशिशें घिसती हैं खुद को तराश के पैमानों पे। ”
२.
“हम इतने भी बेगैरत नहीं जिंदगी
कि तू रूठेगी हम हर रोज मनाएंगे ।”
३.
“बीता हुआ कल किसने फिर देखा ,
कल और परसों की चिंता में
आज क्यों गवाएं हम। ”
४.
“ गीता-बाइबिल-कुरान और अरदासों
से अगर इंसानियत सीख लेते –
इनके नुमाइंदे तो
दुनिया में मजहब के नाम पर
कभी कोई फसाद नहीं होता । ”
५.
“ हर सितारा कुछ कहता है
उसकी चाल बदलने की जगह
अपनी राह बदलो। ”
६.
“ ना जिंदगी से कुछ ज्यादा मांगा
जो उसने दिया उसका गम था।
हर बात से ज्यादा भरोसा
अपने बाजू -ए- दम पर था। ”
७.
हारने के खौफ से क्या
नया न करने वाले जीत जाते हैं।
हौसलों ने समन्दरों को नापां है गगन को चुमा है।
इरादें ही चट्टानों के बीच से अपना
रास्ता निकाल लेते हैं।
कोशिश ही है जिससे हम अपना
मुकद्दर संवार सकते हैं।
BAhut hi khubsurat panktiya.
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Thank you very much sir 🙏🙏
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